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अरिमतियाह क यूसुफ

(मत्ती 27:57-61; मरकुस 15:42-47; यूहन्ना 19:38-42)

50-51 अब हुवँई यूसुफ नाउँ क मनई रहा जउन यहूदी महासभा क निअम्बर रहा। उ एक नीक धर्मी पुरुस रहा। उ ओनका फैसला अउर ओका काम मँ लावइ बरे राजी नाहीं रहा। उ यहूदियन क एक सहर अरमत्तिया क बसइया रहा। उ परमेस्सर क राज्य क बाट जोहत रहा। 52 उ मनई पिलातुस क लगे गवा अउर ईसु क ल्हास माँगेस। 53 उ ल्हास क क्रूस पइ स नीचे उतरा अउर सने क उत्तिम रेसा क बना कपड़ा मँ ओका लपेट दिहस। फिन उ ओका चट्टान मँ काटी गइ एक कब्र मँ धइ दिहस, जेहमाँ पहिले कबहुँ कउनो क भी नाहीं राखा गवा रहा। 54 उ सुकरवार क दिन रहा, अउर सबित सुरू होइ क रहा।

55 उ सबइ स्त्रियन जउन गलील स ईसू क साथे आइ रहिन, यूसुफ क पाछे होइ चलिन। उ पचे उ कब्र देखिन अउर लखेन कि ओकर ल्हास कब्र मँ कइसे धरी गइ। 56 फिन उ पचे घर लौटिके खुसबूदार सामग्री अउर लेप तइयार किहेन।

सबित क दिन व्यवस्था क मुताबिक उ पचे आराम किहेन।

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