Add parallel Print Page Options

43 “जब दुष्टात्मा किसी व्यक्ति में से बाहर आ जाती है, वह निवास-स्थान की खोज में सूखे स्थानों में फिरती है, किन्तु उसे निवास-स्थान प्राप्त नहीं हो पाता. 44 तब वह सोचती है कि मैं जिस निवास-स्थान को छोड़ कर आयी थी, वहीं लौट जाऊँ. वह वहाँ लौट कर उसे खाली, साफ़ और सुथरा पाती है. 45 तब वह जा कर अपने से अधिक बुरे सात आत्मा और ले आती है और वे सब उस व्यक्ति में प्रवेश कर उसमें अपनी घर बना लेती हैं. तब उस व्यक्ति की स्थिति पहले से खराब हो जाती है. यही स्थिति होगी इस दुष्ट पीढ़ी की भी.”

Read full chapter