मरकुस 15:1-20
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
यीशु पिलातुस के सामने पेश
(मत्ती 27:1-2; 11-14; लूका 23:1-5; यूहन्ना 18:28-38)
15 जैसे ही सुबह हुई महायाजकों, धर्मशास्त्रियों, बुजुर्ग यहूदी नेताओं और समूची यहूदी महासभा ने एक योजना बनायी। वे यीशु को बँधवा कर ले गये और उसे राज्यपाल पिलातुस को सौंप दिया।
2 पिलातुस ने उससे पूछा, “क्या तू यहूदियों का राजा है?”
यीशु ने उत्तर दिया, “ऐसा ही है। तू स्वयं कह रहा है।”
3 फिर प्रमुख याजकों ने उस पर बहुत से दोष लगाये। 4 पिलातुस ने उससे फिर पूछा, “क्या तुझे उत्तर नहीं देना है? देख वे कितनी बातों का दोष तुझ पर लगा रहे हैं।”
5 किन्तु यीशु ने अब भी कोई उत्तर नहीं दिया। इस पर पिलातुस को बहुत अचरज हुआ।
पिलातुस यीशु को छोड़ने में विफल
(मत्ती 27:15-31; लूका 23:13-25; यूहन्ना 18:39-19:16)
6 फ़सह पर्व के अवसर पर पिलातुस किसी भी एक बंदी को, जिसे लोग चाहते थे उनके लिये छोड़ दिया करता था। 7 बरअब्बा नाम का एक बंदी उन बलवाइयों के साथ जेल में था जिन्होंने दंगे में हत्या की थी।
8 लोग आये और पिलातुस से कहने लगे कि वह जैसा सदा से उनके लिए करता आया है, वैसा ही करे। 9 पिलातुस ने उनसे पूछा, “क्या तुम चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिये यहूदियों के राजा को छोड़ दूँ?” 10 पिलातुस ने यह इसलिए कहा कि वह जानता था कि प्रमुख याजकों ने ईर्षा-द्वेष के कारण ही उसे पकड़वाया है। 11 किन्तु प्रमुख याजकों ने भीड़ को उकसाया कि वह उसके बजाय उनके लिये बरअब्बा को ही छोड़े।
12 किन्तु पिलातुस ने उनसे बातचीत करके फिर पूछा, “जिसे तुम यहूदियों का राजा कहते हो, उसका मैं क्या करूँ बताओ तुम क्या चाहते हो?”
13 उत्तर में ये चिल्लाये, “उसे क्रूस पर चढ़ा दो!”
14 तब पिलातुस ने उनसे पूछा, “क्यों, उसने ऐसा क्या अपराध किया है?”
पर उन्होंने और अधिक चिल्ला कर कहा, “उसे क्रूस पर चढ़ा दो।”
15 पिलातुस भीड़ को खुश करना चाहता था इसलिये उसने उनके लिए बरअब्बा को छोड़ दिया और यीशु को कोड़े लगवा कर क्रूस पर चढ़ाने के लिए सौंप दिया।
16 फिर सिपाही उसे रोम के राज्यपाल निवास में ले गये। उन्होंने सिपाहियों की पूरी पलटन को बुला लिया। 17 फिर उन्होंने यीशु को बैंजनी रंग का वस्त्र पहनाया और काँटों का एक ताज बना कर उसके सिर पर रख दिया। 18 फिर उसे सलामी देने लगे: “यहूदियों के राजा का स्वागत है!” 19 वे उसके सिर पर सरकंडे मारते जा रहे थे। वे उस पर थूक रहे थे। और घुटनों के बल झुक कर वे उसके आगे नमन करते जाते थे। 20 इस तरह जब वे उसकी खिल्ली उड़ा चुके तो उन्होंने उसका बैंजनी वस्त्र उतारा और उसे उसके अपने कपड़े पहना दिये। और फिर उसे क्रूस पर चढ़ाने, बाहर ले गये।
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मारक 15:1-20
Saral Hindi Bible
मसीह येशु पिलातॉस के न्यायालय में
(मत्ति 27:1-2; लूकॉ 22:66-71)
15 भोर होते ही प्रधान पुरोहितों, नेतागण तथा शास्त्रियों ने सारी महासभा का सत्र बुला कर विचार किया और मसीह येशु को, जो अभी भी बँधे हुए थे, ले जा कर पिलातॉस को सौंप दिया.
2 पिलातॉस ने मसीह येशु से पूछा, “क्या यहूदियों के राजा तुम हो?”
मसीह येशु ने इसके उत्तर में कहा, “सच्चाई वही है जो आपने कहा है.”
3 प्रधान याजक मसीह येशु पर अनेक आरोप लगाते रहे. 4 इस पर पिलातॉस ने मसीह येशु से पूछा, “कोई उत्तर नहीं दोगे? देखो, ये लोग तुम पर आरोप पर आरोप लगाते चले जा रहे हैं!”
5 किन्तु मसीह येशु ने कोई उत्तर न दिया. यह पिलातॉस के लिए आश्चर्य का विषय था.
6 उत्सव के अवसर पर वह किसी एक बन्दी को, लोगों की विनती के अनुसार, छोड़ दिया करता था. 7 कारागार में बार-अब्बास नामक एक बन्दी था. वह अन्य विद्रोहियों के साथ विद्रोह में हत्या के आरोप में बन्दी बनाया गया था. 8 भीड़ ने पिलातॉस के पास जा कर उनकी प्रथापूर्ति की विनती की.
9 इस पर पिलातॉस ने उनसे पूछा, “अच्छा, तो तुम यह चाह रहे हो कि मैं तुम्हारे लिए यहूदियों के राजा को छोड़ दूँ?” 10 अब तक पिलातॉस को यह मालूम हो चुका था कि प्रधान पुरोहितों ने मसीह येशु को जलनवश पकड़वाया था. 11 किन्तु प्रधान पुरोहितों ने भीड़ को उकसाया कि वे मसीह येशु के स्थान पर बार-अब्बास को छोड़ देने की विनती करें.
12 इस पर पिलातॉस ने उनसे पूछा, “तो फिर मैं इसका क्या करूँ, जिसे तुम यहूदियों का राजा कहते हो?”
13 उन्होंने चिल्लाते हुए उत्तर दिया, “मृत्युदण्ड!”
14 “क्यों,” पिलातॉस ने उनसे पूछा, “क्या अपराध किया है इसने?” इस पर वे उग्र हो बलपूर्वक चिल्लाते हुए बोले, “मृत्युदण्ड!”
15 भीड़ को सन्तुष्ट करने के उद्देश्य से पिलातॉस ने उनके लिए बार-अब्बास को विमुक्त कर दिया तथा मसीह येशु को कोड़े लगवाकर क्रूस-मृत्युदण्ड के लिए उनके हाथों में सौंप दिया.
मसीह येशु के सिर पर काँटों का मुकुट
(मत्ति 27:27-31)
16 मसीह येशु को सैनिक प्राइतोरियम अर्थात् किले के भीतर आंगण में ले गए और वहाँ उन्होंने सारी रोमी सैनिक टुकड़ी इकट्ठा कर ली. 17 उन्होंने मसीह येशु को वहाँ ले जा कर बैंगनी रंग का वस्त्र पहना दिया तथा काँटों को गूँथ कर मुकुट का रूप दे उसे उनके ऊपर रख दिया 18 और उन्हें प्रणाम करके कहने लगे, “यहूदियों के राजा, आपकी जय!” 19 वे मसीह येशु के सिर पर सरकण्डा मारते जा रहे थे. इसके अतिरिक्त वे उन पर थूक रहे थे और उपहास में उनके सामने घुटने टेक कर झुक रहे थे. 20 जब वे उपहास कर चुके, उन्होंने वह बैंगनी वस्त्र उतार लिया और उनके वस्त्र उन्हें दोबारा पहना दिए और उन्हें क्रूस पर चढ़ाने के लिए ले जाने लगे.
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