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69 उस दासी ने जब उसे दुबारा देखा तो वहाँ खड़े लोगों से फिर कहने लगी, “यह व्यक्ति भी उन ही में से एक है।” 70 पतरस फिर मुकर गया।

फिर थोड़ी देर बाद वहाँ खड़े लोगों ने पतरस से कहा, “निश्चय ही तू उनमें से एक है क्योंकि तू भी गलील का है।”

71 तब पतरस अपने को धिक्कारने और कसमें खाने लगा, “जिसके बारे में तुम बात कर रहे हो, उस व्यक्ति को मैं नहीं जानता।”

72 तत्काल, मुर्गे ने दूसरी बार बाँग दी। पतरस को उसी समय वे शब्द याद हो आये जो उससे यीशु ने कहे थे: “इससे पहले कि मुर्गा दो बार बाँग दे, तू मुझे तीन बार नकारेगा।” तब पतरस जैसे टूट गया। वह फूट-फूट कर रोने लगा।

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69 एक बार फिर जब उस दासी ने उन्हें देखा तो आस-पास उपस्थित लोगों से दोबारा कहने लगी, “यह भी उन्हीं में से एक है!” 70 पेतरॉस ने दोबारा नकार दिया.

कुछ समय बाद उनके पास खड़े लोग ही पेतरॉस से कहने लगे, “इसमें तो कोई सन्देह ही नहीं है कि तुम उनमें से एक हो क्योंकि तुम भी गलीलवासी हो.”

71 किन्तु पेतरॉस धिक्कार कर सौगन्ध खाते हुए कहने लगे, “तुम जिस व्यक्ति के विषय में कह रहे हो, उसे तो मैं जानता ही नहीं!”

72 उसी क्षण मुर्गे ने दूसरी बार बाँग दी. पेतरॉस को मसीह येशु की वह पहले से कही हुए बात याद आई, “इसके पहले कि मुर्ग दो बार बाँग दे, तुम तीन बार मुझे नकार चुके होंगे.” पेतरॉस फूट-फूट कर रोने लगे.

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