लूका 9:10-17
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
पाँच हज़ार से अधिक का भोज
(मत्ती 14:13-21; मरकुस 6:30-44; यूहन्ना 6:1-14)
10 फिर जब प्रेरित लौट कर आये तो उन्होंने जो कुछ किया था, सब यीशु को बताया। सो वह उन्हें वहाँ से अपने साथ लेकर चुपचाप बैतसैदा नामक नगर को चला गया। 11 पर भीड़ को पता चल गया सो वह भी उसके पीछे हो ली। यीशु ने उनका स्वागत किया और परमेश्वर के राज्य के विषय में उन्हें बताया। और जिन्हें उपचार की आवश्यकता थी, उन्हें चंगा किया।
12 जब दिन ढलने लग रहा था तो वे बारहों उसके पास आये और बोले, “भीड़ को विदा कर ताकि वे आसपास के गाँवों और खेतों में जाकर आसरा और भोजन पा सकें क्योंकि हम यहाँ सुदूर निर्जन स्थान में हैं।”
13 किन्तु उसने उनसे कहा, “तुम ही इन्हें खाने को कुछ दो।”
वे बोले, “हमारे पास बस पाँच रोटियों और दो मछलियों को छोड़कर और कुछ भी नहीं है। तू यह तो नहीं चाहता है कि हम जाएँ और इन सब के लिए भोजन मोल लेकर आएँ।” 14 (वहाँ लगभग पाँच हजार पुरुष थे।)
किन्तु यीशु ने अपने शिष्यों से कहा, “उन्हें पचास पचास के समूहों में बैठा दो।”
15 सो उन्होंने वैसा ही किया और हर किसी को बैठा दिया। 16 फिर यीशु ने पाँच रोटियों और दो मछलियों को लेकर स्वर्ग की ओर देखते हुए उनके लिए परमेश्वर को धन्यवाद दिया और फिर उनके टुकड़े करते हुए उन्हें अपने शिष्यों को दिया कि वे लोगों को परोस दें। 17 तब सब लोग खाकर तृप्त हुए और बचे हुए टुकड़ों से उसके शिष्यों ने बारह टोकरियाँ भरीं।
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लूकॉ 9:10-17
Saral Hindi Bible
लौट कर आए प्रेरितों का बखान
10 अपनी यात्रा से लौट कर प्रेरितों ने मसीह येशु के सामने अपने-अपने कामों का बखान किया. तब मसीह येशु उन्हें ले कर चुपचाप बैथसैदा नामक नगर चले गए. 11 किन्तु लोगों को इसके विषय में मालूम हो गया और वे वहाँ पहुँच गए. मसीह येशु ने सहर्ष उनका स्वागत किया और उन्हें परमेश्वर के राज्य के विषय में शिक्षा दी तथा उन रोगियों को चँगा किया, जिन्हें इसकी ज़रूरत थी.
पाँच हज़ार से अधिक लोगों को खिलाना
12 जब दिन ढलने पर आया तब बारहों प्रेरितों ने मसीह येशु के पास आ कर उन्हें सुझाव दिया, “भीड़ को विदा कर दीजिए कि वे पास के गाँवों में जा कर अपने ठहरने और भोजन की व्यवस्था कर सकें क्योंकि यह सुनसान जगह है.”
13 इस पर मसीह येशु ने उनसे कहा, “तुम्हीं करो इनके भोजन की व्यवस्था!”
उन्होंने इसके उत्तर में कहा, “हमारे पास तो केवल पाँच रोटियां तथा दो मछलियां ही हैं; हाँ, यदि हम जा कर इन सबके लिए भोजन मोल ले आएँ तो यह सम्भव है.” 14 इस भीड़ में पुरुष ही लगभग पाँच हज़ार थे.
मसीह येशु ने शिष्यों को आदेश दिया, “इन्हें लगभग पचास-पचास के झुण्ड़ में बैठा दो.” 15 शिष्यों ने उन सबको भोजन के लिए बैठा दिया. 16 पाँचों रोटियां तथा दोनों मछलियां अपने हाथ में ले कर मसीह येशु ने स्वर्ग की ओर दृष्टि करते हुए उनके लिए परमेश्वर को धन्यवाद किया तथा उन्हें तोड़-तोड़ कर शिष्यों को देते गए कि वे लोगों में इनको बाँटते जाएँ. 17 सब ने भरपेट खाया. शिष्यों ने तोड़ी हुई रोटियों तथा मछलियों के टुकड़े इकट्ठा किए, जिनसे बारह टोकरे भर गए.
Read full chapter© 1995, 2010 Bible League International
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