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17 अपना क्रूस उठाये हुए वह उस स्थान पर गया जिसे, “खोपड़ी का स्थान” कहा जाता था। (इसे इब्रानी भाषा में “गुलगुता” कहते थे।) 18 वहाँ से उन्होंने उसे दो अन्य के साथ क्रूस पर चढ़ाया। एक इधर, दूसरा उधर और बीच में यीशु।

19 पिलातुस ने दोषपत्र क्रूस पर लगा दिया। इसमें लिखा था, “यीशु नासरी, यहूदियों का राजा।”

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क्रूस-मार्ग पर मसीह येशु

(मत्ति 27:32-37; मारक 15:21-24; लूकॉ 23:26-31)

17 वे मसीह येशु को उस स्थान को ले गए, जो इब्री भाषा में गोलगोथा कहलाता है, जिसका अर्थ है खोपड़ी का स्थान. मसीह येशु अपना क्रूस स्वयं उठाए हुए थे.

मसीह येशु का क्रूस पर चढ़ाया जाना

(मत्ति 27:35-44; मारक 15:25-32; लूकॉ 23:32-43)

18 वहाँ उन्होंने मसीह येशु को अन्य दो व्यक्तियों के साथ उनके मध्य क्रूस पर चढ़ाया.

19 पिलातॉस ने एक पटल पर नाज़रेथ का येशु, यहूदियों का राजा लिख कर क्रूस पर लगवा दिया

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