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यहूदी नेताओं द्वारा यीशु की हत्या का षड़यन्त्र

(मत्ती 26:1-5; मरकुस 14:1-2; लूका 22:1-2)

45 इसके बाद मरियम के साथ आये यहूदियों में से बहुतों ने यीशु के इस कार्य को देखकर उस पर विश्वास किया। 46 किन्तु उनमें से कुछ फरीसियों के पास गये और जो कुछ यीशु ने किया था, उन्हें बताया। 47 फिर महायाजकों और फरीसियों ने यहूदियों की सबसे ऊँची परिषद बुलाई। और कहा, “हमें क्या करना चाहिये? यह व्यक्ति बहुत से आश्चर्य चिन्ह दिखा रहा है। 48 यदि हमने उसे ऐसे ही करते रहने दिया तो हर कोई उस पर विश्वास करने लगेगा और इस तरह रोमी लोग यहाँ आ जायेंगे और हमारे मन्दिर व देश को नष्ट कर देंगे।”

49 किन्तु उस वर्ष के महायाजक कैफा ने उनसे कहा, “तुम लोग कुछ भी नहीं जानते। 50 और न ही तुम्हें इस बात की समझ है कि इसी में तुम्हारा लाभ है कि बजाय इसके कि सारी जाति ही नष्ट हो जाये, सबके लिये एक आदमी को मरना होगा।”

51 यह बात उसने अपनी तरफ़ से नहीं कही थी पर क्योंकि वह उस साल का महायाजक था उसने भविष्यवाणी की थी कि यीशु लोगों के लिये मरने जा रहा है। 52 न केवल यहूदियों के लिये बल्कि परमेश्वर की संतान जो तितर-बितर है, उन्हें एकत्र करने के लिये।

53 इस तरह उसी दिन से वे यीशु को मारने के कुचक्र रचने लगे।

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45 यह देख मरियम के पास आए यहूदियों में से अनेकों ने मसीह येशु में विश्वास किया. 46 परन्तु कुछ ने फ़रीसियों को जा बताया कि मसीह येशु ने क्या-क्या किया था.

मसीह येशु की हत्या का षड़यन्त्र

47 तब प्रधान पुरोहितों और फ़रीसियों ने महासभा बुलाई और कहा, “हम इस व्यक्ति के विषय में क्या कर रहे हैं? यह अद्भुत चिह्नों पर चिह्न दिखा रहा है! 48 यदि हम इसे ये सब यों ही करते रहने दें तो सभी इसमें विश्वास करने लगेंगे और रोमी हमसे हमारे अधिकार व राष्ट्र दोनों ही छीन लेंगे.”

49 तब सभा में उपस्थित उस वर्ष के महायाजक कायाफ़स ने कहा, “आप न तो कुछ जानते हैं 50 और न ही यह समझते हैं कि आपका हित इसी में है कि सारे राष्ट्र के विनाश की बजाय मात्र एक व्यक्ति राष्ट्र के हित में प्राणों का त्याग करे.”

51 यह उसने अपनी ओर से नहीं कहा था परन्तु उस वर्ष के महायाजक होने के कारण उसने यह भविष्यवाणी की थी कि राष्ट्र के हित में मसीह येशु प्राणों का त्याग करेंगे, 52 और न केवल राष्ट्र के हित में परन्तु परमेश्वर की तितर-बितर सन्तान को इकट्ठा करने के लिए भी. 53 उस दिन से वे सब एकजुट हो कर उनकी हत्या की योजना बनाने लगे.

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