Add parallel Print Page Options

बुढ़ाई क सबइ समस्या

12 लरकपन स ही आपन बनावइ वाला क सुमिरन करा। एहसे पहिले कि बुढ़ाई क बुरे दिन तोहका आइके घेरइँ। पहिले एकरे कि तोहका इ कहइ क पड़इ कि, “हाय, मइँ जिन्नगी क रस नाहीं लइ सकत्या।” लरकपन स ही आपन बनावइ वाला क सुमिरन करा।

जब तू बुढ़वा होब्या तउ सूरज चन्द्रमा अउर सितारन क रोसनी तोहका अँधियारी लगिहीं। अउर तोहार समस्या लगातार वापस आत रहब्या अउर इ सबइ समस्या ओन बादलन क तरह ही होइहीं जउन बर्खा करत हीं अउर सीघ्र वापस नाहीं छटँत हीं।

उहइ समइया तोहार बलवान भुजन निर्बल होइ जइहीं। तोहार सुदृढ़ गोड़ कमजोर होइ जइहीं। तू आपन कछू बचे भए दाँतन क संग खाना तलक भी चबाइ नाहीं सकत्या। अँखियन स साफ देखाई तलक नाहीं देइ। तू बहिर होइ जाब्या। बाजार क सोर भी तू सुनि नाहीं पउब्या। चलत चक्की भी तोहका सांत देखाइ देइ। तू बड़ी मुस्किल स लोगन क गावत सुन पउब्या। मूला चिरइयन क चहचहाट तोहका जगाई देब तू बढ़िया नींद स नाहीं सोइ सकब।

चढ़ाइवाले जगहियन स तू डेराइ लगब्या। राहन क हर नान्ह स नान्ह चीज स तू डेराइ लगब्या कि तू कइँ ओह पइ ठोकर खाइके गिर परब। तोहार बाल बादाम क फूलन क नाई उज्जवर होइ जइहीं। तू जब चलब्या तउ उ प्रकार घेरीत चलब्या जइसे कउनो टिड्डा होइ। तू अपन जीअइ क इच्छा खो देब्या। फुन तोहका आपन क भीतरी नवा घर यानी तोहार कब्र मँ नित निवास बरे जाइ क होइ अउर तोहार मुर्दनी मँ सामिल लोगन क भीड़ स गलियन भरि जइहीं।

मउत

अबहिं जब तू जवान अहा, आपन बनावइवाला क याद राखा।
    एकरे पहिले कि चाँदी क डोर टूटि जाइ। अउर सोना क पात्र टूटिके बिखर जाइ।
एकरे पहिले कि तोहार जिन्नगी बेकार होइ जाइ जइसे कउनो कुएँ लगे पात्र टूट पड़ा होइ।
    एकरे पहिले कि तोहार जिन्नगी उ पाथर जइसे होइ जाइ जेका उपयोग दीवार क ढाकन मँ किया जात अहइ, मुला उ टूट कइ इ मँ गिर परत ह।
तोहार देह माटी स उपजी अहइ
    अउर जब मउत होइ तउ तोहार उ देह वापिस माटी होइ जाइ।
किन्तु इ प्राण तोहार परमेस्सर स आवा अहइ
    अउर जब तू मरब्या, तोहार इ प्राण वापिस परमेस्सर क लगे जाइ।

सब कछू बेकार अहइ, उपदेसक कहत ह कि सब कछू बियर्थ अहइ।

निस्कर्स

उपदेसक बहोत बुद्धिमान रहा। उ लोगन क सिच्छा देइ मँ आपन बुद्धि क प्रयोग करत रहा। उपदेसक बड़ी होसियारी स अध्ययन किहस अउर अनेक सूवितयन क व्यवस्थित किहस। 10 उपदेसक उचित सब्दन क बचन बरे कठिन मेहनत किहस अउर उ एन सीखन क लिखेस जउन फुरइ अहइँ अउर जेन पइ भरोसा कीन्ह जाइ सकत ह।

11 विवेकी मनइयन क बचन ओन नोकीली छड़ियन क समान होत हीं जेनकर उपयोग पसुअन क उचित मारग पइ चलावइ बरे कीन्ह जात ह। इ सबइ उपदेसक ओन मजबूत खूँटन क समान होत हीं जउन कबहुँ टूटतेन नाहीं। जिन्नगी क उचित मारग देखावइ बरे तू एन उपदेसकन पइ बिस्सास कइ सकत ह। उ सबइ सबहिं विवेक स पूरी सीखन उहइ गड़रिया (परमेस्सर) स आवत हीं। 12 तउ पूत! एक चिताउनी अउर लोग तउ सदा पुस्तकन लिखत ही रहत हीं। बहोत जियादा अध्ययन तोहका बहोत थकाइ देइ।

13-14 इ सब कछू क सुन लेइ क पाछे अब एक अन्तिम बात इ बतावइ क बाटइ कि परमेस्सर क आदर करा अउर ओकरे आदेसन पइ चला काहेकि इ नियम हर मनई पर लागू होत ह। काहेकि लोग जउन करत हीं, ओका हिआँ तलक कि ओनकी छिपी स छिपी बातन क भी परमेस्सर जानत ह। उ ओनकर सबहिं नीक बातन अउर बुरी बातन क बारे मँ जानत ह। मनई जउन कछू भी करत हीं उ हर एक करम क उ निआव करी।