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बाबुल के बारे में सन्देश

50 यह सन्देश यहोवा का है जिसे उसने बाबुल राष्ट्र और बाबुल के लोगों के लिये दिया। यहोवा ने यह सन्देश यिर्मयाह द्वारा दिया।

“हर एक राष्ट्र को यह घोषित कर दो!
    झण्डा उठाओ और सन्देश सुनाओ।
पूरा सन्देश सुनाओ और कहो,
    ‘बाबुल राष्ट्र पर अधिकार किया जाएगा।
    बेल देवता लज्जा का पात्र बनेगा।
    मरोदक देवता बहुत डर जाएगा।
बाबुल की देवमूर्तियाँ लज्जा का पात्र बनेंगी
    उसके मूर्ति देवता भयभीत हो जाएंगे।’
उत्तर से एक राष्ट्र बाबुल पर आक्रमण करेगा।
    वह राष्ट्र बाबुल को सूनी मरुभूमि सा बना देगा।
कोई व्यक्ति वहाँ नहीं रहेगा
    मनुष्य और पशु दोनों वहाँ से भाग जाएंगे।”
यहोवा कहता है, “उस समय, इस्राएल के
    और यहूदा के लोग एक साथ होंगे।
वे एक साथ बराबर रोते रहेंगे
    और एक साथ ही वे अपने यहोवा परमेश्वर को खोजने जाएंगे।
वे लोग पूछेंगे सिय्योन कैसे जाएँ
    वे उस दिशा में चलना आरम्भ करेंगे।
लोग कहेंगे, ‘आओ, हम यहोवा से जा मिलें,
    हम एक ऐसी वाचा करें जो सदैव रहे।
    हम लोग एक ऐसी वाचा करे जिसे हम कभी न भूलें।’

“मेरे लोग खोई भेड़ की तरह हो गए हैं।
    उनके गडेरिए (प्रमुख) उन्हें गलत रास्ते पर ले गए हैं।
उनके मार्गदर्शकों ने उन्हें पर्वतों और पहाड़ियों में चारों ओर भटकाया है।
    वे भूल गए कि उनके विश्राम का स्थान कहाँ है।
जिसने भी मेरे लोगों को पाया, चोट पहुँचाई
    और उन शत्रुओं ने कहा,
‘हमने कुछ गलत नहीं किया।’
    उन लोगों ने यहोवा के विरुद्ध पाप किये।
यहोवा उनका सच्चा विश्रामस्थल है।
    यहोवा परमेश्वर है जिस पर उनके पूर्वजों ने विश्वास किया।

“बाबुल से भाग निकलो।
    कसदी लोगों के देश को छोड़ दो।
    उन बकरों की तरह बनो जो झुण्ड को राह दिखाते हैं।
मैं बहुत से राष्ट्रों को उत्तर से एक साथ लाऊँगा।
राष्ट्रों का यह समूह बाबुल के विरुद्ध युद्ध के लिये तैयार होगा।
बाबुल उत्तर के लोगों द्वारा अधिकार में लाया जाएगा।
वे राष्ट्र बाबुल पर अनेक बाण चलायेंगे
और वे बाण उन सैनिकों के समान होंगे
    जो युद्ध भूमि से खाली हाथ नहीं लौटते।
10 शत्रु कसदी लोगों से सारा धन लेगा।
    वे शत्रु सैनिक जो चाहेंगे, लेंगे।”
यह सब यहोवा कहता है।

11 “बाबुल, तुम उत्तेजित और प्रसन्न हो।
    तुमने मेरा देश लिया।
तुम अन्न के चारों ओर नयी गाय की तरह नाचते हो।
    तुम्हारी हँसी घोडों की हिनहिनाहट सी है।
12 अब तुम्हारी माँ बहुत लज्जित होगी
    तुम्हें जन्म देने वाली माँ को ग्लानि होगी
बाबुल सभी राष्ट्रों की तुलना में सबसे कम महत्व का होगा।
    वह एक सूनी मरुभूमि होगी।
13 यहोवा अपना क्रोध प्रकट करेगा।
    अत: कोई व्यक्ति वहाँ नहीं रहेगा।
    बाबुल नगर पूरी तरह खाली होगा।
    बाबुल से गुजरने वाला हर एक व्यक्ति डरेगा।
वे अपना सिर हिलाएंगे।
    जब वे देखेंगे कि यह किस बुरी तरह नष्ट हुआ है।

14 “बाबुल के विरुद्ध युद्ध की तैयारी करो।
    सभी सैनिकों अपने धनुष से बाबुल पर बाण चलाओ।
अपने बाणों को न बचाओ।
    बाबुल ने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है।
15 बाबुल के चारों ओर के सैनिकों, युद्ध का उद्घोष करो।
    अब बाबुल ने आत्म समर्पण कर दिया है।
उसकी दीवारों और गुम्बदों को गिरा दिया गया है।
    यहोवा उन लोगों को वह दण्ड दे रहा है जो उन्हें मिलना चाहिये।
राष्ट्रों तुम बाबुल को वह दण्ड दो जो उसे मिलना चाहिये।
    उसके साथ वह करो जो उसने अन्य राष्ट्रों के साथ किया है।
16 बाबुल के लोगों को उनकी फसलें न उगाने दो।
    उन्हें फसलें न काटने दो।
बाबुल के सैनिक ने अपने नगर में अनेकों बन्दी लाए थे।
    अब शत्रु के सैनिक आ गए हैं, अत: वे बन्दी अपने घर लौट रहे हैं।
वे बन्दी अपने देशों को वापस भाग रहे हैं।

17 “इस्राएल भेड़ की तरह है जिसे सिंहो ने पीछा करके भगा दिया है।
    उसे खाने वाला पहला सिंह अश्शूर का राजा था।
उसकी हड्डियों को चूर करने वाला अंतिम सिंह बाबुल का राजा नबूकदनेस्सर था।”
18 अत: सर्वशक्तिमान यहोवा, इस्राएल का परमेश्वर कहता है:
“मैं शीघ्र ही बाबुल के राजा और उसके देश को दण्ड दूँगा।
    मैं उसे वैसे ही दण्ड दूँगा जैसे मैंने अश्शूर के राजा को दण्ड दिया।”

19 “किन्तु इस्राएल को मैं उसके खेतों में वापस लाऊँगा।
    वह वही भोजन करेगा जो कर्मेल पर्वत और बाशान की भूमि की उपज है।
वह भोजन करेगा और भरा पूरा होगा।
    वह एप्रैम और गिलाद भूमि में पहाड़ियों पर खायेगा।”
20 यहोवा कहता है, “उस समय लोग इस्राएल के अपराध को जानना चाहेंगे।
    किन्तु कोई अपराध नहीं होगा।
लोग यहूदा के पापों को जानना चाहेंगे किन्तु कोई पाप नहीं मिलेगा।
    क्यों क्योंकि मैं इस्राएल और यहूदा के कुछ बचे हुओं को बचा रहा हूँ और मैं उनके सभी पापों के लिये उन्हें क्षमा कर रहा हूँ।”

21 यहोवा कहता है, मरातैम देश पर आक्रमण करो।
    पकोद के प्रदेश के निवासियों पर आक्रमण करो।
उन पर आक्रमण करो, उन्हें मार डालो और उन्हें पूरी तरह नष्ट कर दो।
    वह सब करो जिसके लिये मैं आदेश दे रहा हूँ!

22 “युद्ध का घोष पूरे देश में सुना जा सकता है।
    यह बहुत अधिक विध्वंस का शोर है।
23 बाबुल पूरी पृथ्वी का हथौड़ा था।
किन्तु अब ‘हथौड़ा’ टूट गया और बिखर गया है।
    बाबुल सच में सबसे अधिक बरबाद राष्ट्रों में से एक है।
24 बाबुल, मैंने तुम्हारे लिए एक जाल बिछाया,
    और जानने के पहले ही तुम इसमें आ फँसे।
तुम यहोवा के विरुद्ध लड़े,
    इसलिये तुम मिल गए और पकड़े गए।
25 यहोवा ने अपना भण्डार गृह खोल दिया है।
    यहोवा ने भण्डार गृह से अपने क्रोध के अस्त्र शस्त्र निकाले हैं।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा ने उन अस्त्र शस्त्रों को निकाला हैं क्योंकि उसे काम करना है।
    उसे कसदी लोगों के देश में काम करना है।

26 “अति दूर से बाबुल के विरुद्ध आओ, उसके अन्न भरे भण्डार गृहों को तोड़कर खोलो।
    बाबुल को पूरी तरह नष्ट करो और किसी को जीवित न छोड़ो।
उसके शवों को अन्न के बड़े ढेर की तरह एक ढेर में लगाओ।
27 बाबुल के सभी युवकों को मार डालो।
    उनका नहसंहार होने दो।
उनकी पराजय का समय आ गया है।
अत: उनके लिये बहुत बुरा होगा।
    यह उनके दण्डित होने का समय है।
28 लोग बाबुल देश से भाग रहे है, वे उस देश से बच निकल रहे हैं।
    वे लोग सिय्योन को आ रहे हैं और वे सभी से वह कह रहे हैं जो यहोवा कर रहा है।
वे कह रहे हैं कि बाबुल को, जो दण्ड मिलना चाहिये।
    यहोवा उसे दे रहा है।
बाबुल ने यहोवा के मन्दिर को नष्ट किया, अत:
    अब यहोवा बाबुल को नष्ट कर रहा है।

29 “धनुर्धारियों को बाबुल के विरुद्ध बुलाओ।
उन लोगों से नगर को घेरने को कहो।
    किसी को बच निकलते मत दो। जो उसने बुरा किया है उसका उल्टा भुगतान करो।
उसके साथ वही करो जो उसने अन्य राष्ट्रों के साथ किया है।
    बाबुल ने यहोवा का सम्मान नहीं किया।
बाबुल इस्राएल के पवित्रतम के प्रति बड़ा क्रूर रहा।
    अत: बाबुल को दण्ड दो।
30 बाबुल के युवक सड़कों पर मारे जाएंगे, उस दिन उसके सभी सैनिक मर जाएंगे।
    यह सब यहोवा कहता है।

31 “बाबुल, तुम बहुत गर्वीले हो,
    और मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ।”
    हमारा स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है।
“मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ,
    और तुम्हारे दण्डित होने का समय आ गया है।
32 गर्वीला बाबुल ठोकर खाएगा और गिरेगा
    और कोई व्यक्ति उसे उठाने में सहायता नहीं करेगा।
    मैं उसके नगरों में आग लगाऊँगा,
    वह आग उसके चारों ओर के सभी को पूरी तरह जला देगी।”

33 सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है,
“इस्राएल और यहूदा के लोग दास हैं।
    शत्रु उन्हें ले गया, और शत्रु इस्राएल को निकल जाने नहीं देगा।
34 किन्तु परमेश्वर उन लोगों को वापस लाएगा।
    उसका नाम सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा है।
वह दृढ़ शक्ति से उन लोगों की रक्षा करेगा।
    वह उनकी रक्षा करेगा जिससे वह पृथ्वी को विश्राम दे सके।
किन्तु वह बाबुल के निवासियों को विश्राम नहीं देगा।”

35 यहोवा कहता है,
“बाबुल के निवासियों को तलवार के घाट उतर जाने दो।
    बाबुल के राजकीय अधिकारियों
    और ज्ञानियों को भी तलवार से कट जाने दो।
36 बाबुल के याजकों को तलवार के घाट उतरने दो।
    वे याजक मूर्ख लोगों की तरह होंगे।
बाबुल के सैनिकों को तलवार से कटने दो, वे सैनिक त्रास से भर जाएंगे।
37 बाबुल के घोड़ों और रथों को तलवार के घाट उतरने दो।
    अन्य देशों के भाड़े के सैनिकों को तलवार से कट जाने दो।
वे सैनिक भयभीत अबलाओं की तरह होंगे।
    बाबुल के खजाने के विरुद्ध तलवार उठने दो, वे खजाने ले लिये जाएंगे।
38 बाबुल की नदियों के विरुद्ध तलवार उठने दो।
    वे नदियाँ सूख जाएंगी।
बाबुल देश में असंख्य देवमूर्तियाँ हैं।
    वे मूर्तियाँ प्रकट करती हैं कि बाबुल के लोग मूर्ख हैं।
अत: उन लोगों के साथ बुरी घटनायें घटेंगी।
39 बाबुल फिर लोगों से नहीं भरेगा, जंगली कुत्ते, शुतुरमुर्ग और अन्य मरुभूमि के जानवर वहाँ रहेंगे।
    किन्तु वहाँ कभी कोई मनुष्य फिर नहीं रहेगा।
40 परमेश्वर ने सदोम, अमोरा और उनके चारों ओर के नगरों को पूरी तरह से नष्ट किया था
    और अब उन नगरों में कोई नहीं रहता।
इसी प्रकार बाबुल में कोई नहीं रहेगा
    और कोई मनुष्य वहाँ रहने कभी नहीं जायेगा।

41 “देखो, उत्तर से लोग आ रहे हैं,
    वे एक शक्तिशाली राष्ट्र से आ रहे हैं।
    पूरे संसार के चारों ओर से एक साथ बहुत से राजा आ रहे हैं।
42 उनकी सेना के पास धनुष और भाले हैं, सैनिक क्रूर हैं, उनमें दया नहीं है।
    सैनिक अपने घोड़ों पर सवार आ रहे हैं, और प्रचण्ड घोष सागर की तरह गरज रहे हैं।
    वे अपने स्थानों पर युद्ध के लिये तैयार खड़े हैं।
बाबुल नगर वे तुम पर आक्रमण करने को तत्पर हैं।
43 बाबुल के राजा ने उन सेनाओं के बारे में सुना, और वह आतंकित हो गया।
    वह इतना डर गया है कि उसके हाथ हिल नहीं सकते।
उसके डर से उसके पेट में ऐसे पीड़ा हो रही है, जैसे वह प्रसव करने वाली स्त्री हो।”

44 यहोवा कहता है, “कभी यरदन नदी के पास की घनी झाड़ियों से एक सिंह निकलेगा।
    वह सिंह उन खेतों में आएगा जहाँ लोग अपने जानवर रखते हैं और सब जानवर भाग जाएंगे।
मैं उस सिंह की तरह होऊँगा।
मैं बाबुल को, उसके देश से पीछा करके भगाऊँगा।
    यह करने के लिये मैं किसे चुनूँगा कोई व्यक्ति मेरे समान नहीं है।
ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जो मुझे चुनौती दे सके।
    अत: इसे मैं करूँगा।
कोई गडेरिया मुझे भगाने नहीं आएगा।
    मैं बाबुल के लोगों को पीछा करके भगाऊँगा।”

45 बाबुल के साथ यहोवा ने जो करने की योजना बनाई है, उसे सुनो।
    बाबुल लोगों के लिये यहोवा ने जो करने का निर्णय लिया है उसे सुनो।
दुश्मन दुध मुँहे को, बाबुल के समूह (लोगों) से खींच लेगा।
    बाबुल के चरागाह, उनके कृत्यों के कारण खाली हो जायेंगे।
46 बाबुल का पतन होगा,
    और वह पतन पृथ्वी को कंपकंपा देगा।
सभी राष्ट्रों के लोग
    बाबुल के विध्वस्त होने के बारे में सुनेंगे।