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बाबुल क परमेस्सर क संदेस

47 “हे बाबुल क कुँवारी पुत्री,
    खाले धूरि मँ गिरि जा अउर हुँवा पइ बइठ जा।
अब तू रानी नाहीं अहा।
    लोग अब तोहका कोमल अउर सुन्नर नाहीं कहा करिहीं।
अब तोहका आपन कोमल ओढ़ना उतारिके कठिन परिस्रम करइ चाही।
    अब तू चक्की ल्या अउर ओह पइ आटा पीसा।
तू आपन घाघरा इतना ऊपर उठावा कि लोगन क तोहार टाँगन देखाइ लग जाइँ अउर नंगी टाँगन स तू नदी पार करा।
    तू आपन देस तजि द्या।
लोग तोहरे बदन क लखिहीं अउर उ पचे तोहार भोग करिहीं।
    तू अपमानित होबू।
मइँ तोहसे बुरे कर्मन क मोल देवाउब जउन तू किहा ह।
    तोहरी मदद क कउनो भी मनई अगवा नाहीं आइ।”

“मोर लोग कहत हीं, ‘परमेस्सर हम लोगन क बचावत ह।
    ओकर नाउँ, इस्राएल क पवित्तर सर्वसक्तीमान अहइ।’

“हे बाबुल, तू बइठ जा अउर कछु भी जिन कहा।
    बाबुल क बिटिया, चली जा अँधियारा मँ।
    काहेकि अब तू अउर जियादा ‘राज्जन क रानी’ नाहीं कहवाई।

“मइँ आपन लोगन पइ किरोध किहे रहेउँ।
    इ सबइ लोग मोर आपन रहेन,
किन्तु मइँ कोहान रहेउँ, एह बरे मइँ ओका अपमानित किहेउँ।
    मइँ ओनका तोहका दइ दिहेउँ, अउर तू ओनका दण्ड दिहा।
तू ओन पइ कउनो करुणा नाहीं दर्साया
    अउर तू ओन बूढ़न पइ भी बहुत कठिन काम क जुआ लाद दिहा।
तू कहा करत रहिउ, ‘मइँ अमर हउँ मइँ सदा रानी रहब।’
    किन्तु तू ओन बुरी बातन पइ धियान नाहीं दिहा
जेनका तू ओन लोगन क संग किहे रह्या।
    तू कबहुँ नाहीं सोच्या कि पाछे का होइ।
एह बरे अब, ओ ‘मनोहर मेहरारू,’ मोर बात तू सुन ल्या।
    तू आपन क सुरच्छित जाना अउर अपने आप स कहा।
‘केवल मइँ ही महत्वपूर्ण मनई हउँ, मोरे समान कउनो दूसर बड़का नाहीं अहइ।
    मोका कबहुँ भी विधवा नाहीं होब अहइ, मोरे सदैव बच्चन होत रहिहीं।’
इ सबइ दुइ बातन तोहरे संग मँ घटित होइहीं:
    पहिले, तोहार बच्चन तोहसे छूट जइहीं अउर फुन तोहार पति भी तोहसे छूट जाइ।
हाँ, इ सबइ बातन तोहरे संग जरूर घटिहीं।
    तोहार सबहिं जादू अउर सक्तीसाली टोनन तोहका नाहीं बचाइ पइहीं।
10 तू बुरे काम करति अहा, फुन भी तू आपन क सुरच्छित समुझति अहा।
    तू कहा करति अहा कि तोहार बुरे काम क कउनो नाहीं लखत।
तू बुरे काम करति अहा किन्तु तू सोचति अहा कि तोहार बुद्धि अउर तोहार गियान तोहका बचाइ लेइहीं।
    तू खूद क सोचति अहा कि बस एक तू ही महत्वपूर्ण अहा।
    तोहरे जइसा अउर कउनो भी दूसर नाहीं अहइ।

11 “किन्तु तोह पइ बिपत्तियन अइहीं।
    तू नाहीं जानतिउ कि उ कब होइ जाइ, किन्तु बिनास आवत अहइ।
तू ओन बिपत्तियन क रोकइ बरे कछू भी नाहीं कइ पउबिउ।
    तोहार बिनास ऍतना हाली होइ कि तोहका तक भी न चली कि का कछू तोहरे संग घट गवा।
12 जादू अउर टोना क सीखइ मँ
    तू कठिन मेहनत करत भए जिन्नगी बिताइ दिहा।
तउ अब आपन जादू अउर टोना क चला।
    संभव अहइ टोने टोटके तोहका बचाइ लेइँ।
    समंव अहइ-ओनसे तू कउनो क डेराइ द्या।
13 तोहरे लगे बहोत स सलाहकार अहइँ।
    का तू ओनकर सलाहन स तंग आइ चुकी अहइ?
तउ फुन ओन लोगन क जउन सितारन बाँचत ही, बाहेर पठवा।
    जउन बताइ सकत हीं महीना कब सुरू होत ह।
    तउ संभव अहइ उ पचे तोहका बताइ पाँवइ कि तोह पइ कब विपत्तियन पड़िहीं।
14 किन्तु उ सबइ लोग तउ खुद आपन क बचाइ नाहीं पइहीं।
    उ पचे घासे क तिनकन जइसे भक स बरि जइहीं।
उ पचे ऍतना हाली बरिहीं कि अंगार तलक कउनो नाहीं बची जेहमाँ रोटी सेकी जाइ सकइ।
    कउनो आगी तलक नाहीं बची जेकरे लगे बइठिके उ पचे खुद क गर्माइ लेइँ।
15 अइसा ही हर वस्तु क साथ मँ घटी जेनके बरे तू कड़ी मेहनत किहा।
    तोहरे जिन्नगी भइ जेनसे तोहार वइपार रहा,
उ पचे ही मनइयन तोहका तजि देइहीं, हर कउनो आपन-आपन राह चला जाइ।
    कउनो भी मनई तोहका बचावइ क नाहीं बची।”