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“जउन लोग मोहसे मुँह मोड़ गए रहेन, ओन लोगन क अपनावइ बरे मइँ तत्पर रहेउँ। मइँ इ बात क प्रतीच्छा करत रहेउँ कि उ सबइ लोग मोरे लगे लउटि आवइँ। किन्तु उ पचे जिन्नगी क एक अइसी राह पइ चलत रहेन जउन अच्छी नाहीं अहइ। उ पचे आपन मन क मुताबिक काम करत रहेन।

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