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हे सज्जन लोगो, यहोवा मँ आनन्द मनावा!
    सज्जनो सत मनइयो, ओकर स्तुति करा।
वीणा बजावा अउर ओकर स्तुति करा।
    यहोवा बरे दस तार वाले सारंगी बजावा।
अब ओकरे बरे नवा गीत गावा।
    खुसी क धुन सुन्दरता स बजावा!
परमेस्सर क वचन सत्य अहइ।
    जउन भी उ करत ह ओकर तू पचे भरोसा कइ सकत ह।
नेकी अउ निस्पच्छता परमेस्सर क भावत ह।
    यहोवा आपन खुद क करुणा स इ धरती क भरि दिहेस।
यहोवा आदेस दिहस अउ सृस्टि फउरन पइदा होइ गइ।
    परमेस्सर क साँस स धरती पइ हर चीज बनी।
परमेस्सर सागर मँ एक ही जगहिया पइ जल बटोरेस।
    उ सागर क आपन जगह पइ रखत ह।
धरती क हर मनई क यहोवा क आदर करइ अउ डेराइ चाही।
    इ संसार मँ जउन भी मनई बसा अहइँ, ओनका चाही कि उ पचे ओसे डेराइँ।
काहेकि परमेस्सर क सिरिफ बात भइ कहब अहइ, अउर उ बात तुरंत घटि जात ह।
    अगर उ कउनो क “रुकइ” क आदेस देइ, तउ उ तुरंत थम जात ह।
10 परमेस्सर चाहइ तउ सबहिं सुझाव बिअर्थ करइ।
    उ कउनो भी मनई क सब कुचक्रन क बिअर्थ कइ सकत ह।
11 मुला यहोवा क उपदेस सदा ही खरे होत हीं।
    ओकर सब जोजना पीढ़ी दर पीढ़ी खरी होत हीं।
12 धन्न अहइँ उ सबइ मनई जेनकर परमेस्सर यहोवा अहइ।
    परमेस्सर ओनका आपन ही मनई होइ क चुनेस ह।
13 यहोवा सरग स खाली लखत रहत ह।
    उ सबहिं लोगन क लखत रहत ह।
14 उ ऊपर ऊँचे पइ बनाए भए आसन स
    धरती पइ रहइवाले सब मनइयन क लखत रहत ह।
15 परमेस्सर हर कउनो क मन रचेस ह।
    तउ कउनो का सोचत अहइ उ समुझत ह।
16 राजा क रच्छा ओकरे बड़की सक्ती स नाहीं होत ह,
    अउर कउनो सिपाही आपन निज सक्ती स सुरच्छित नाहीं रहत।
17 जुद्ध मँ फुरइ अस्वबल नाहीं जितावत।
    सचमुच तू ओकरी सक्ती स नाहीं बचि सकत्या।
18 जउन लोग यहोवा क अनुसरण करत हीं, ओनका यहोवा लखत ह अउ रखवारी करत ह।
    जउन मनई ओकर आराधना करत हीं, ओनका ओकर महान पिरेम बचावत ह।
19 परमेस्सर ओन लोगन क मउत स बचावत ह।
    उ सबइ जब भुखान होतेन तब उ ओनका सक्ती देत ह।
20 एह बरे हम यहोवा क बाट जोहब।
    उ हमार मदद अउर हमार ढाल अहइ।
21 परमेस्सर मोका आनन्दित करत ह।
    मोका फुरइ ओकरे पवित्तर नाउँ पइ भरोसा अहइ।
22 हे यहोवा, हम सचमुच तोहार आराधना करित ह।
    तउ तू हम पइ आपन महान पिरेम देखावा।