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दाऊद का एक स्तुति पद।

हे यहोवा, मैं तुझको सहायता पाने के लिये पुकारता हूँ।
    जब मैं विनती करुँ तब तू मेरी सुन ले।
    जल्दी कर और मुझको सहारा दे।
हे यहोवा, मेरी विनती तेरे लिये जलती धूप के उपहार सी हो
    मेरी विनती तेरे लिये दी गयी साँझ कि बलि सी हो।

हे यहोवा, मेरी वाणी पर मेरा काबू हो।
    अपनी वाणी पर मैं ध्यान रख सकूँ, इसमें मेरा सहायक हो।
मुझको बुरी बात मत करने दे।
    मुझको रोके रह बुरों की संगती से उनके सरस भोजन से और बुरे कामों से।
    मुझे भाग मत लेने दे ऐसे उन कामों में जिन को करने में बुरे लोग रख लेते हैं।
सज्जन मेरा सुधार कर सकता है।
    तेरे भक्त जन मेरे दोष कहे, यह मेरे लिये भला होगा।
मैं दुर्जनों कि प्रशंसा ग्रहण नहीं करुँगा।
    क्यों क्योंकि मैं सदा प्रार्थना किया करता हूँ।
उन कुकर्मो के विरुद्ध जिनको बुरे लोग किया करते हैं।
उनके राजाओं को दण्डित होने दे
    और तब लोग जान जायेंगे कि मैंने सत्य कहा था।

लोग खेत को खोद कर जोता करते हैं और मिट्टी को इधर—उधर बिखेर देते हैं।
    उन दुष्टों कि हड्डियाँ इसी तरह कब्रों में इधर—उधर बिखरेंगी।
हे यहोवा, मेरे स्वामी, सहारा पाने को मेरी दृष्टि तुझ पर लगी है।
    मुझको तेरा भरोसा है। कृपा कर मुझको मत मरने दे।
मुझको दुष्टों के फँदों में मत पड़ने दे।
    उन दुष्टों के द्वारा मुझ को मत बंध जाने दे।
10 वे दुष्ट स्वयं अपने जालों में फँस जायें
    जब मैं बचकर निकल जाऊँ।
    बिना हानि उठाये।