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याजकन क वस्त्र

28 यहोवा मूसा स कहेस, “आपन भाई हारून अउ ओकर बेटवन नादाब, अबीहू, एलिआजार अउ ईतामार क इस्राएल क मनइयन मँ स अपने लगे आवइ क कहा। इ मनइयन मोर सेवा याजकन क रूप मँ करिहीं।

“आपन भाई हारून बरे खास वस्त्र बनावा। इ वस्त्र ओका मान अउ सम्मान अउर सान बरे अहइ। लोगन मँ अइसे कुसल कारीगर अहइँ जउन इ वस्त्र बनइ सकत हीं। मइँ इन मनइयन क खास बुद्धि दीन्ह ह। ओन मनइयन स हारून बरे वस्त्र बनवइ क कहा। इ वस्त्र बतइहीं कि उ मोर सेवा खास रूप स करत अहइँ। उ मोर सेवा याजक क रूप मँ करत अहइ। इ उहइ वस्त्र अहइँ जेका कारीगरन क बनवइ: ‘निआव क थइला’, एपोद, एक नीला रंग क लबादा एक सफेद बुना भवा चोगा, एक पगड़ी अउ एक कमर बंद कुसल मनइयन क इ खास वस्त्र तोहार भाई हारून अउ ओकरे बेटवन बरे जरूर बनवइ चाही। तबहिं हारून अउ ओकर बेटवा मोर सेवा याजकन क रूप मँ कइ सकत हीं। मनइयन स कहा कि उ पचे सनी क उत्तिम रेसा अउ नीला, लाल अउ बैगनी कपरा क बइपरइँ।

एपोद अउ कमरबंद

“एपोद बनवइ बरे सुनहरी धागा, सनी क उत्तिम रेसा अउ नीला, लाल अउ बैगनी कपरा पहिरा। इ खास एपोद क माहिर कारीगर बनइहीं। एपोद क हर एक काँधे प पट्टी लाग होइ। काँधे क इ पट्टियन एपोद क दुइनउँ कोने प बंधी होइहीं।

“कारीगर बड़ी, हुसियारी स एपोद बरे एक कमरबंद बुनिहीं। इ उहइ रूप स बनवाइ चाही जउन रूप मँ एपोद। सुनहरा, नीला, बैगनी अउ लाल धागा अउर उत्तम सनी बइपरा।

“तोहका दुइ गोमेद लेइ चाही। इन नगन प इस्राएल क बारहु बेटवन क नाउँ खोदा। 10 छ: नाउँ एक नग प अउ छ: नाउँ दूसर नग प खोदइ चाही। नाउँ क सब ते बड़का अउ सब ते छोटका बेटवा क हिंसाब स लिखा। 11 इस्राएल क बेटवन क नाउँ इ नगन प खोदवावा। इ उहइ तरह करा जउने तरह उ कुसल दस्तकार मनई जउन मोहर बनावत ह, 12 तब एपोद क दुइ काँधे क पट्टी प इ दुइ नगन क लगावा। हारून यहोवा क समन्वा जब ठाड़ होइ, उ इ खास एपोद क जउन पइ इस्राएल क बेटवन क नाउँवाला दुइनउँ नग यादगारी क तौर पइ पहिरी। 13 बढ़िया सोना ही नगन क एपोद प लागइ बरे बइपरा। 14 गुँथा भवा धागा क तरह निखालिस सोना क जंजीर बटि द्या। सोना क अइसी दुइ जंजीर बनावा अउर सोना क जड़ान क संग एनका बाँधि द्या।

निआव क थइला

15 “बड़का याजक बरे निआव क थइला बनावा। कुसल कारीगर इ निआव क थइला क वइसा इ बनावइँ जइसा एपोद बनए रहेन। उ पचे सोने क तार, सनी क उत्तिम रेसा अउ नीला, लाल अउ बैंगनी कपड़ा क बइपरा। 16 एका चौकोर बनवइ बरे दोहर देइ चाही। निआव क थैला एक बीत्ता लम्बा अउ एक बीत्ता चौड़ा होइ चाही। 17 निआव क थइला प सुन्नर रतन क चार पाँति जड़ा। रतन क पहली पाँति मँ रूबी, पुखराज अउ मरकत मणि होइ चाही। 18 दूसर पाँति मँ फीरोज, नीलम अउ हीरा होइ चाही। 19 तीसर पाँति मँ सूर्यकान्त, अकीक अउ याकूत लगइ चाही। 20 चउथी पाँति मँ लहसुनिया, गोमेदक अउ कपिस मणि लगावइ चाही। निआव क थैला प एनका लगावइ बरे सोना मँ जड़ द्या। 21 निआव क थइला प बारह रतन होइहीं। इस्राएल क बारहु बेटवन क नाउँ उ प नुमाइंदी होइ चाही। एक-एक नगे प इस्राएल क बेटवन मँ स एक-एक नाउँ लिखा। हर एक नगे प एनकइ नाउँ उहइ तरह लिखा जइसे माहिर कारीगर एक मुहर बनावत ह।

22 “निआवा क थइला बरे निखालिस सोना क जंजीर बनावा। इ जंजीरियन बरी भइ लसुरी क नाई होइहीं। 23 दुइ सोना क छल्ला बनावा अउ एनका निआव क थइला प दुइनउँ कोने प लगावा। 24 दुइनउँ सोना क जंजीरियन क निआब क थइला मँ दुइनउँ कोने मँ लगावा। 25 सोने क जंजीर क दुइ सिरा क दुइनउँ खाना मँ जड़वाइ द्या इ एपोद क काँधे क दुइनउँ टुकरन क समन्वा मँ कसा रहइँ। 26 दुइ ठु अउर सोना क छल्ला बनावा अउ ओनका निआव क थइला क दुइनउँ कोने प लगावा। इ निआव क थइला क भीतर क हींसा एपोद क नगिचे होइ। 27 दुइ अउर सोना क छल्ला बनावा अउ ओका काँधे क पाटी क तले एपोद क समन्वा लगावा। सोना क छल्ला क एपोद क बुना भवा पाटी क ऊपर लगावा। 28 निआव क थइला क छल्ला क एपोद क छल्लन स जोड़ा बरे नीला फीता बाँधा। इ तरह निआव क थइला बुना भवा पाटी क लगे लगा होइ अउर एपोद स अलग न होइ।

29 “हारून जब पवित्तर ठउर मँ घुसरत ह, ओका निआव क थइला पहिरे रहइ चाही। इ तरह इस्राएल क बारहु बेटवन क नाउँ ओकरे हिरदय प रइहीं अउर इ हमेसा यहोवा क ओन लोगन क याद दियाई जात रही। 30 ऊरीम अउ तुम्मीम क निआव क थइले मँ रखा। जब हारून यहोवा क समन्वा जाइ तब उ सबइ ओका याद होइहीं। ऍह बरे हारून जब यहोवा क समन्वा होइ तउ उ इस्राएल क मनइयन क निआव करइ क साधन हमेसा अपने साथ राखी।

याजकन क दूसर वस्त्र

31 “एपोद क नीचे पहिरइ क एक नीला एपोद बनावा। 32 मूँड़ डावइ बरे इ चोगा क बीचोबीच एक छेद बनावा। इ छेदे क चारिहुँ कइँती गोटा लगावा। इ गोटा काँलर क नाई होइ अउ फाटइ स रोकी। 33 नीला, लाल अउ बैगनी कपरा क अनार बनावा। इ अनार क चोगा क नीचे क सिरा क चारिहुँ कइँती लटकावा। अउ अनार क बीचोबीच सोना क घंटी लगवावा। 34 इ तरह चोगा क नीचे सिरन मँ चारिहुँ कइँती सोना क घंटी अउ अनार होइहीं जउन इहइ तरह होइ कि दुइ अनार क बीचोबीच एक सोना क घंटी होइ। 35 हारून इ चोगा क पहिरी जब उ याजक क रूप मँ यहोवा क सेवा करी अउ यहोवा क समन्वा पवित्तर ठउर मँ जाइ, तब इ घंटिन बाजै लगिहीं। जब उ पवित्तर ठउर तजि देइ तब इ घंटिन बाजै लगिहीं। इ तरह हारून न मरी।

36 “निखालिस सोना क धारी बनावा। सोना प उहइ तरह सब्द खोदा जइसे मनइयन मुहर बनावत हीं। इ सब्दन क लिखा, यहोवा बरे पवित्तर। 37 सोना क इ धारी क नीला फीता स कस द्या। पगड़ी क चारिहुँ कइँती नीला फीता बाँधा। सोना क धारी क पगड़ी क समन्वा होइ चाही। 38 हारून आपन कपार प इ का बाँधी। हारून जब-जब यहोवा क समन्वा जाइ हमेसा इ पहिरे रही जेहसे यहोवा मनइयन क भेटे क कबूल कइ लेइ। इ तरह स हारून इस्राएल क लोगन क अपराध क सहन करिहीं जदि उ पचे परमेस्सर क गलत रूप मँ भेट दिहे अहइँ या ओकर भेट मँ कउनो खराबी रही अहइ।

39 “सफेद लबादा बुना बरे उत्तिम सनी क बइपरा अउ पगड़ी बरे उत्तिम सनी क बइपरा। बुना भवा पाटी पइ मँ नकसा काढ़ा भवा होइ चाही। 40 हारून क बेटवन बरे कोट, कमरबंद अउ पगड़ी बनावा। इ ओनका मान सम्मान देइहीं। 41 इ पोसाक आपन भाई हारून अउ ओकर बेटवन क पहिरावा। ओकरे पाछे जइतून क तेल ओनके मूँड़े प इ देखाँवइ बरे नावा कि उ पचे याजकन अहइँ। इ ओनका पवित्तर बनई। तबहिं उ पचे मोर सेवा याजकन क रूप मँ करिहीं।

42 “सनी क उत्तिम रेसा क जाँघिया वगैरह बनवावा। इ नीचे क पहिरइ क कपरा करिहाउँ स जाँघ तलक ढाँकिहीं। 43 हारून अउ ओकर बेटवन क इ कपरन क पहिरइ चाही जब कबहुँ उ पचे बइठका क तम्बू मँ जाइँ। ओनका इहइ कपरन क पहिरइ चाही जब कबहुँ उ पचे पवित्तर ठउर मँ याजक क तरह सेवा खातिर वेदी क नगिचे आवइँ। उ पचे इ कपरन क जरूर पहिर चाही ताकि उ पचे अपराधी नाहीं होइ अउर नाहीं मरइ। इ अइसा नेम होइ चाही जउन हारून अउ ओकरे पाछे ओकरे बंस क मनइयन बरे हमेसा बना रही।”