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यहोवा यरूसलेम क आसीर्बाद देइ क प्रतिग्या करत

फुन सर्वसक्तीमान यहोवा क बचन मोर लगे आएन अउ कहेन: इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह: “सिय्योन बरे मोका अत्यधिक जलन भवा। मइँ ओहसे बहोत जियादा जलन करत हउँ।” इ उहइ अहइ जउन यहोवा कहत ह: “मइँ सिय्योन क लगे वापस आवत हउँ अउर मइँ यरूसलेम मँ रहबउँ। यरूसलेम बिस्सास सहर कहा जाइ। मोर पर्वत, पवित्तर पर्वत कहा जाइ।”

इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह: “एक बार फुन एक बूढ़ मनसेधु अउर एक बूढ़ा मेहरारू यरूसलेम क चौराहे पइ बइठब। लोग ऍतनी लम्बी उमर तलक जिअत रइहीं कि ओनके सहारे क छड़ी क जरूरत होइ। सहर क चौराहे लरिकन अउ लड़िकियन स भरा होइ।” इ उहइ अहइ जउन यहोवा सर्वसक्तीमान कहत ह: “भले ही इ जिअत लोगन क नज़र मँ असम्भव लगे, का एका मोर नज़र मँ भी असम्भव लगइ चाही? यहोवा सर्वसक्तीमान कहत ह।”

इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह, “लखा, मइँ पूरब अउ पच्छिम क देसन स आपन लोगन क बचाउब, अउर मइँ ओनका यरूसलेम मँ रहइ बरे लिआउब। उ पचे मोर लोग होइहीं अउर मइँ ओनकर बढ़िया अउ बिस्सास क जोग्ग परमेस्सर होबउँ।”

सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह, “उ जउन इ सब्दन क नबी क मुँहे स सुन्या ह, सक्तीसाली बना! तू पचे उ नबियन स सुने रहा जउन जब सर्वसक्तीमान यहोवा आपन मंदिर क फुन स बनावइ बरे नेवं डाएस। इ मन्दिर सर्वसक्तीमान यहोवा क अहइ। 10 अउर उ समइ क पहिले, हुवाँ लोगन क या जानवर क किराया पइ लेइ बरे धन नाहीं रहा। हुवाँ दुस्मनन क कारण आवागमन सुरच्छित नाहीं रहा। कहेकि उ मइँ रहा जउन एक दूसरे क खिलाफ कइ दिहे रहेउँ। 11 मुला अब मइँ वइसा नाहीं करब जइसा इ बचा भवा लोगन क संग बीते दिना मँ किहे रहेउँ ह,” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सबइ कहेस ह।

12 “काहेकि हुवाँ सान्तिपूवर्क खेती-बारी होइहीं। अंगूरे क लता फल देइहीं: भुइँया अच्छी पइदावार देइ, अउ अकास आपन ओस देइहीं। मइँ इ सबहिं चिजियन लोगन क देब जउन जिअत रहब। 13 हे यरूसलेम अउ यहूदा लोग, मइँ तोहका बचाउब। बीते समइ मँ तू लोग जातियन क बीच मँ सराप क उदाहरण बनि ग रहेन। मुला अब मइँ तू लोगन क जातियन क बीच मँ आसीर्बाद क उदाहरण बाउब। जिन डेराअ। सक्तीसाली बना।”

14 फुरइ इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह: “जब तू सबन क पुरखन मोका कोहाइ दिहन, मइँ ओन पइ विपत्तियन लावइ क जोजना बनाएउँ, अउर मइँ आपन इरादा क न बदलेउँ।” सर्वसक्तीमान यहोवा इ सब कहत ह, 15 “ठीक उहइ तरह, अब मइँ यरूसलेम अउ यहूदा क लोगन बरे नीक करइ क जोजना किहेउँ ह। जिन डेराअ। 16 मुला तू सबन क इ करइ चाही, एक दूसर क संग तोहका सिरफ फुरइ बोलइ चाही: जब तू पचे आपन अदालतन मँ निर्णय ल्या, तउ लोगन क उचित निआव प्रदान करा। 17 अपन हिरदइ मँ दूसर बरे बुरा योजना जिन बनावा अउर लबार प्रतिग्या जिन करा। काहेकि मइँ ओन बातन स घिना करत हउँ।” यहोवा इ सबइ कहेस।

18 सर्वसक्तीमान यहोवा क इ सँदेसा मोर लगे फुन आएन अउर कहेन: 19 इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह: “चउथे महीना पचाँए महीना सतएँ महीना मँ तोहार सोक मनावइ अउर उपवास क दिन यहूदा क लोगन बरे गावइ, अनन्द मनाइ, अउ खुस होइ क होइ। एह बरे तू पचन्क सच्चाई क अउ सान्ति क पिरेम करइ चाही।”

20 इ उहइ अहइ जउन सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह:
“भविस्स मँ, जातियन अउ अनेक सहरन स लोग यरूसलेम अइहीं
21 अउर एक सहर क निवासी दूसर सहर क निवासियन लगे जाइहीं, अउर कइहीं,
    ‘हम लोगन क सर्वसक्तीमान यहोवा क लगे परार्थना करइ बरे’
    अउर ओहसे मदद माँगइ बरे अउर ओकर उपासना करइ बरे चलइ चाही।
    दूसर मनई कहिहीं ‘मइँ भी आउब।’”

22 अनेक लोग अउ अनेक सक्तीसाली रास्ट्र यरूसलेम आहहीं अउ सर्वसक्तीमान यहोवा क उपासना करिहीं अउ उ पचे ओसे मदद मागिहीं। 23 इ उहइ अहइ जउन सर्वस्कतीमान यहोवा कहत ह: “उ दिना मँ, अलग-अलग रास्ट्रन स अलग-अलग भाखन क बोलइया दस ठु मनई एक ठु यहूदी क कोट क पल्ला धरिहीं अउर कइहीं, ‘हम पचे तोहार संग आवइ चाहत हउँ, काहेकि हम पचे सुना ह कि परमेस्सर तू पचन्क संग अहइ।’”