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मन्दिर क पुन: निर्माण क बिरुद्ध दुस्मन

1-2 उ पहँटा मँ रहइवाले बहोत स लोग यहूदा अउ बिन्यामीन क लोगन क बिरुद्‌ध रहेन। ओन दुस्मनन सुनेन कि सबइ लोग जउन बन्धुवाई स आएन ह उ सबइ, इस्राएल क परमेस्सर यहोवा क बरे एक ठु मन्दिर बनावत अहइँ। एह बरे उ सबइ दुस्मन जरुब्बाबेल अउ परिवार प्रमुखन क लगे आएन अउ उ पचे कहेन, “मन्दिर बनावइ मँ हम क तू पचन क मदद करइ द्या। हम लग उहइ अही जउन तू अहा, हम तोहरे पचन्क परमेस्सर स मदद माँगित ह। हम लोग तोहरे पचन्क परमेस्सर क तब स बलि चढ़ावा ह जब स अस्सूर क राजा एसर्हद्दोन हम लोगन क हिआँ लिआव।”

मुला जरूब्बाबेल, येसू अउर इस्राएल क दूसर परिवार प्रमुखन जवाब दिहन, “नाहीं, तू जइसे लोग हमरे परमेस्सर क बरे मन्दिर बनावइ मँ हम क मदद नाहीं कइ सकतेन। सिरिफ हम लोग ही यहोवा क बरे मन्दिर बनाइ सकित ह। उ इस्राएल क परमेस्सर अहइ। फारस क राजा कुस्रू जउन करइ क आदेस दिहस ह, उ इहइ अहइ।”

एह बरे उ देस क लोग मन्दिर क बनावइ क कार्य रोकइ क बरे जतन करत भए यहूदी लोगन क हिम्मत तोड़इ क बरे ओनका डराउब सुरु किहन। ओन दुस्मनन सलाहकारन क यहूदा क लोगन क खिलाफ काम करइ क बरे बेसहि लिहन। उ सलाहकारन ओनके जोजनन मँ बाधा डावइ क जतन किहेन। इ कारज तब तलक लगातार चलत रहा जब तलक कुस्रू फारस क राजा रहा अउर बाद मँ जब तलक दारा फारस क राजा नाहीं होइ गवा।

ओन दुस्मनन यहूदियन क रोकइ क बरे जतन करत भए फारस क राजा क पत्र भी लिखेन। अउर उ पचे इ पत्र फारस क राजा छयर्स क सासन काल क सुरू मँ लिखेन।

यरूसलेम क पुन: निर्माण क बिरुद्ध दुस्मन

पाछे, जब अर्तछत्र फारस क नवा राजा भवा, एन लोगन मँ स कछू यहूदियन क खिलाफ सिकाइत करत भए एक ठू अउर पत्र लिखेन। जउन लोग उ पत्र लिखेन, उ सबइ इ सब रहेन: बिसलाम, मिथदात, ताबेल अउर ओकरे दल क दूसर लोग। उ पचे पत्र राजा अर्तछत्र क अरामी मँ अरामी लिपि क उपयोग करत भए लिखेन।

तब सासन अधिकारी रहूम अउर लिपिक सिमसै यरूसलेम क लोगन क खिलाफ पत्र लिखेन। उ पचे राजा अर्तछत्र क पत्र लिखेन। उ पचे जउन लिखेन उ इ रहा:

सासन अधिकारी रहूम, लिपिक सिमसै, निआधीसन अउर तर्पली, फारसी, एरेकी, बाबेली लोगन पइ क महत्त्वपूर्ण उच्चय अधिकारियन अउर सूसनी क एलामी लोगन क कइँती स, 10 अउ उ सबइ दूसर लोग क ओर स जेनका महान अउर सक्तीसाली ओस्नप्पर सोमरोन क नगरन अउर परात नदी क पच्छिमी पहँटा क दूसर जगहन पइ बसाए रहेन।

11 इ उ पत्र क प्रतिलिपि अहइ जेका ओन लोग अर्तछत्र क पठए रहेन।

राजा अर्तछत्र क, परात नदी क पच्छिमी पहँटा मँ आप क सेवकन कइँती स अहइ।

12 राजा अर्तछत्र हम आप क सूचित करइ चाहित ह कि जउन यहूदियन क आप-अपने लगे स पठया ह, उ पचे हिआँ आइ गएन ह। उ सबइ यहूदी उ नगर क फुन स बनावइ चाहत हीं। यरूसलेम एक बुरा अउर बिद्रोही नगर अहइ। अब उ पचे यहूदी परकोटन क जेवन क पक्का करत बाटेन अउर देवारन खड़ी करत अहइँ।

13 राजा अर्तछत्र आप क इ जान लेइ चाही कि जदि यरूसलेम अउर एकर परकोटन फुन बन गएन तउ यरूसलेम क लोगन कर देब बन्द कइ देइहीं। उ पचे आप क सम्मान करइ बरे धन पठउब बन्द कइ देइहीं। उ पचे सेवा कर भी रोक देइहीं अउर राजा क उ सारे धन स हाथ धोवइ पड़ी।

14 राजा क एकर जानकारी होइ चाही कि हम लोग राजा क वफ़ादार होइ क वादा किहे रहेन। ऍह बरे जिम्मेदारी हम लोगन पइ अहइ। हम लोगन क इ सबइ घटित होब नाहीं लखइ चाहतेउँ कि राजा क अपमान होइ। इहइ कारण अहइ कि हम लोग इ पत्र क जरिये राजा क इ बात क सम्बंध मँ सूचना दिहे अहउँ।

15 राजा अर्तछत्र हम इ चाहित ह कि आप ओन राजा लोगन क लेखन क पता लगावइँ कि जउन आपक पहिले हुकूमत किहन। आप ओन लेखन मँ लखिहीं कि यरूसलेम मँ सदा ही दूसर राजा लोगन क बरे बिद्रोह किहन। इ दूसर राजा लोगन अउ रास्ट्रन क बरे बहोत कठिनाइयन पइदा किहन ह। पुराने समइ स ही इ नगर बिद्रोह क उभारत अहइ ह। इहइ कारण अहइ कि यरूसलेम नस्ट भवा।

16 राजा अर्तछत्र हम आप क सूचित करइ चाहित ह कि जदि इ नगर अउ एकर परकोटन फुन स बन गवा तउ फरात नदी क इ कइँती क छेत्र आप क हाथे स निकरि जइहीं।

17 तब अर्तछत्र इ जवाब पठएस:

सासन अधिकारी रहूम अउ लिपिक सिमसै अउ ओनकर सबहिं साथियन क जउन सोमोरन अउ परात नदी क दूसर पच्छिमी प्रदेस मँ रहत हीं।

सुभ-कामनाऐं,

18 तू लोग जउन हमरे लगे पत्र पठाया ओकर अनुवाद भवा अउर मोका सुनावा गवा। 19 मइँ आदेस दिहेउँ कि मोरे पहिले क राजा लोगन क लेखन क खोज कीन्ह जाइ। लेख बाँचे गएन अउर हम लोगन क ग्यात भवा कि यरूसलेम क जरिये राजा लोगन क खिलाफ बिद्रोह करइ क एक लम्बा इतिहास अहइ। यरूसलेम अइसी जगह रहा नगर जहाँ अक्सर बिद्रोह अउ गद्दारी होत रहत हीं। 20 यरूसलेम अउ फरात नदी क पच्छिम क पूरे पहँटा पइ सक्तीसाली राजा राज्ज करत रहेन ह। राज्ज कर अउ राजा क सम्मान बरे धन अउ बिविध प्रकार क कर ओन राज लोगन क दीन्ह गएन ह।

21 अब तू पचन्क ओन लोगन क काम बन्द करइ क बरे एक ठु आदेस देइ चाही। इ आदेस यरूसलेम क पुनःनिर्माण क रोकइ क बरे तब तलक अहइ, जब तलक कि मइँ वइसा करइ क आग्या न देउँ। 22 सावधान रहया अउर इ आग्या क पालन करइ स इनकार जिन करा यरूसलम क पूनःनिमार्ण चलत नाहीं रहइ चाही, वरना मइँ यरूसलेम स मिलइवाला आमदनी क खोइ देबउँ।

23 तउ उ पत्र क प्रतिलिपि, जेका राजा अर्तछेत्र पठएस रहूम, लिपिक सिमसै अउ ओकरे संग क लोगन क बाँचिके सुनाई गइ। तब उ सबइ लोग बड़ी तेजी स यरूसलेम मँ यहूदियन क लगे गएन। उ पचे यहूदियन क निर्माण कार्य बन्द करइ क मजबूर किहन।

मन्दिर क कार्य रुका

24 इ तरह यरूसलेम मँ परमेस्सर क मन्दिर क काम रुक गवा। फारस क राजा दारा क सासनकाल क दूसरे बरिस तलक इ कार्य नाहीं चला।