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तब परमेस्सर अब्राम क बाहेर लइ गवा। परमेस्सर कहेस, “आकास क लखा। अनगिनत तारन क निहारा। इ सबइ ऍतना अहइँ कि तू गन नाही सक्त्या। भविस्स मँ तोहार परिवार अइसा ही होइ।”

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